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विनम्र निवेदन
(नवनिर्माणाधीन) भी है, जिसे भव्य स्वरूप प्रदान करना है। हम देश विदेश के लोग जिस पर्यटन स्थल को पसंद करते है, | ग्वारीघाटवासी सकल दिगम्बर जैन समाज के अल्प संख्यक वह स्वर्ण भूमि है गोवा। गोवा एक ऐसा राज्य है, जहाँ सालभर
निवासी, जैन समाज, जबलपुर से श्री जिन मंदिर निर्माण को पूरा पर्यटकों का आना-जाना रहता है।
करने में सहयोग हेतु गुहार करते हैं । हिन्दू समाज के भव्य मंदिरों गोवा के इतिहास में जैन धर्म को बहुत बड़ा स्थान दिया
के बीच हमारा जिन मंदिर भी अपना भव्य स्वरूप लिए हमारे जैन गया है। कदंब राजा के कार्यकाल में जैन धर्म को स्वर्णकाल प्राप्त
समाज को गौरवान्वित करे, ऐसी हमारी अभिलाषा है। श्री पिसनहारी . हुआ था, लेकिन पोर्तुगीज के आक्रमण और अत्याचार की वजह
मढ़िया जी, नन्दीश्वर दीप जिनालय एवं दयोदय तीर्थ के पश्चात् से गोवा में जैन धर्म का ह्रास हो गया।
श्री जिन मंदिर दर्शन ग्वारीघाट, नर्मदा तट का नौका विहार एवं गोवा में दिगम्बर जैन समाज ने संघटित होकर नव निर्माण
स्वच्छ पर्यावरण से परिपूर्ण क्षेत्र का आनंद अवकाश के क्षणों में दिगम्बर जैन मंडल की स्थापना की है। इस मंडल का मुख्य
जैन समाज जबलपुर के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। हम उद्देश्य गोवा में ऐसा दिगम्बर जैन मंदिर बनाना है, जो सभी
ग्वारीघाट वासी जैन समाज के नागरिक गण "जबलपुर जैन सुविधाओं से परिपूर्ण हो। र्धमशाला, विश्रांतीगृह, समाज मंदिर,
समाज" जैन सामाजिक संस्थायें एवं प्रतिष्ठित दानवीर परिवारों त्यागी निवास आदि सुविधाएँ उपलब्ध हों।
के ट्रस्टों से विनम्र निवेदन करते हैं कि श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन गोवा आने वाले जैन धर्म के यात्रियों के लिए, जैन मंदिर |
नवनिर्माणाधीन जिनालय के निर्माण में तन, मन, धन से भाव तथा धर्मशाला की कमी महसूस होती है। इस कमी को दूर करने
सहित सहयोग, दान प्रदान कर नींव से शिखर तक की यात्रा के की हमारी कोशिश है। परन्तु इसके लिए आपकी सहायता की साक्षी बनें।
सपर्क सूत्र एवं निवेदक जरूरत है, मंदिर सभी दिगम्बर जैन समाज का होगा। गोवा में
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन रहनेवाले दिगम्बर जैन समाज की संख्या बहुत कम है। इसलिए
नवनिर्माणाधीन जिनालय समिति, यह जरूरी है कि इस धार्मिक और सामाजिक कार्य के लिये आप
ग्वारीघाट, जबलपुर अपना योगदान दें। आपकी जो भी स्वीकृति हो, या आप इस के बारे में
सूचना संपर्क करना चाहते हों, तो कृपया नीचे दिये हुए पते पर संपर्क
श्री दिगम्बर सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर की दान रसीद करें और स्वीकृति भेज सकते हैं।
बुक, रसीद नम्बर 1501 से 1550 तक की एक हैण्ड बेग के साथ
दमोह से कुण्डलपुर के बीच में गुम हो गई है, जिस किसी सजन नवनिर्माण दिगम्बर जैन मंडल, मडगांव, गोवा, ट्रस्ट द्वारा
को मिले, कृपया नजदीक के जैन मंदिर में जमा करने की कृपा श्री भारत रामचंद दोशी, घर नं. 233, मालभाट, मडगांव
करें। पिन -403602, अथवा रत्नाकर बैंक लिमिटेड, मडगांव शाखा,
सूचित किया जाता है कि रसीद नम्बर 1505 से 1550 बचत खाते क्र.1591 में जमा कर सकते हैं।
तक की कोरी रसीदें ट्रस्ट द्वारा केन्सिल कर दी गई हैं, उक्त रसीद
आपके धर्मप्रेमी श्री भारत रामचंद दोशी, फलटण (अध्यक्ष)
को वैध नहीं माना जावेगा। श्री विजय रामगौडा पाटील, सांगली (सचिव) । उपरोक्त रसीद नम्बर की बुक के द्वारा आपसे कोई दान - श्री महावीर काप्पा जगदेव, बेडकिहाल (खजिनदार) | प्राप्त करने आये तो उसे धोखा समझें, दान नहीं देवें।
रमेशचन्द्र काला, कोषाध्यक्ष श्री दिगम्बर जैन समाज से एक निवेदन
श्री दिगम्बर जैन रेवातट सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र, नेमावर परम पूज्य 108 संत शिरोमणि जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से ग्वारीघाट जबलपुर में नर्मदा के
बाल संस्कार शिविर का आयोजन सुरम्य तट के समीप 50-60 वर्ष पूर्व के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर
श्री मक्सी पार्श्वनाथ - दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ गुरुकुल में जैन मंदिर के नवनिर्माणाधीन जीर्णोद्धार जिनालय का निर्माण दिनांक 26.7.03 से दिनांक 2.8.03 तक श्री कुन्दकुन्द प्रवचन कार्य विगत डेढ़ वर्ष से चल रहा है। प्रवचन हॉल, वेदी हॉल प्रसारण संस्थान उज्जैन द्वारा 7 दिवसीय बाल संस्कार शिविर का निर्माण के पश्चात् श्री जिन मंदिर "गुम्बज शिखर" निर्माण की आयोजन किया गया। बाट जोह रहा है। इस निर्माण कार्य को जबलपुर के जैन समाज
दिनेश जैन
अधिष्ठाता को संकल्पित होकर पूर्ण करना है। आज जबलपुर में 38 जिनालय
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन गुरुकुल, मक्सी हैं, उनमें ग्वारीघाट का श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन जिनालय |
-अगस्त 2003 जिनभाषित
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