Book Title: Jina Sutra Part 2
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 657
________________ मेघ बजे धिन धिन धा धमक-धमक दामिनी गई दमक मेघ बजे, दादुर का कंठ खुला धरती का हृदय धुला मेघ बजे, पंक बना हरिचंदन फूले कदम्ब टहनी - टहनी में कंदुक सम फूले कदम्ब, फूले कदम्ब जाने कबसे वह बरस रहा ललचायी आंखों से नाहक जाने कबसे तू तरस रहा मन कहता है छू ले कदम्ब, फूले कदम्ब Jain Education International 2010_03 आज इतना ही। For Private & Personal Use Only याद घर बुलाने लगी। 647 www.jainelibrary.org

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