Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah

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Page 10
________________ No. Date ५ मृत्यु જ जानु, साधु-साध्वीन लगवंताने तो प्रायः ङरीने समाधि भजे छे. डाग डे, तेजो योपीसे डलाङ, अवध्या पाणवानां माध्यमे, सन्यने शाता, समाधि खापनाएं होय हे. पोतानां समग्र भुवन हरमियान जीभं भुवोने शाता, समाधि खायनारनं संपूर्ण भवन या समाधिमय पसार थाय + भरा समाधिमय मजे + परसोड पए। सद्गतिमय भने छे. शाता, शुं डर्खु छे ११ शुं भेजे छ ?? (B) लूतडाणमां रोगोनी जने रोगीखोंनी संख्या खोछी हती जने खाने, वधु पडती हिंसा खने जीभं भवोने खशाता भजे खेवी भुवनशैली थपाने अराएगे, रोगोनी रखने रोगी खोनी संख्या धगी पधी छे. खा वस्तु खाने स्पष्टपणे खायाने भेवा भने छे. खेटले, निरोगी जने स्वस्थ भुवन भवपानी मे ईच्छा होय, तो वधुमां वधु भुवया पानवानां माध्यमे, जीभं भवाने पधुमां वधु शाता-समाधि खायतां रहें अत्यंत श्री छे. भवध्यानां प्रलावे तमारुं संपूर्ण भुवन खारोग्य स्वस्थता पूर्वक पूरं धरो, तेनी जातरी हुँ नहीं परंतु ज्ञानी लगवंतो खाये छे. हवे शुं डयुं छे ??? (२) खाने डोम्प्युटर, ईन्टरनेट, लेपटोप खने मोबाईलनां यंत्र युगमां डहोर धर्ध गोल खापणां हृहयनी लूमिने डोमण ऽरयां माटे अवध्या पाजवी ४३री छे. हृदय हहोर होय तो मजेल उयामां उँथी तरवानी सामग्री पहुए निष्ण साजित थाय. जीभ जाबु, हृदय प्रेमण होय तो भजेल सामान्य सामग्री पए। खात्माने विशेष लाल दुरावे छे. El.cl. खेडूत जंगर लुमिमां सारामां सारां जीवनी पापणी उरवा छतांय ते निष्ण भय रखने डोमण, इजद्रुप लूमियां सामान्य जीवनी पावली डरे तो पए। विशेष इन पामे. खेभ रीते, डहोर हृदयथी डरेल यामां ऊँयो धर्म पए। निष्ण साजित थाय अथवा सामान्य इज खाये. खने डोमन हृध्यथी डरेल नानांयां नानो धर्म या सइज साजित थाय खने विशेष इज खपावे. घ.त.: डोमन हहयथी डरेल नागडेतूनी पून तेभने डेवणज्ञान खयाये रखने "समुत्तामुनिनी पए। डोमन हयथी डरेल हरियापही तेमने डेवण -

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