Book Title: Jasahar Chariu
Author(s): Pushpadant, Parshuram Lakshman Vaidya, Hiralal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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________________ ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी ग्रन्थमाला : अपभ्रंश ग्रन्थांक ११ - -- महाकवि पुष्पदन्त विरचित जसहरचरिउ अँगरेजी प्रस्तावना, शब्दकोश तथा टिप्पणों सहित प्रथम संस्करणके सम्पादक डॉ. परशुराम लक्ष्मण वैद्य एम. ए., डी. लिट. ( पेरिस ) भूतपूर्व प्राध्यापक-संस्कृत तथा समान भाषाएँ फर्ग्युसन कालेज, पूना हिन्दी अनुवाद तथा प्रस्तावना सहित नवीन संशोधित संस्करणके सम्पादक डॉ. हीरालाल जैन, एम. ए., एल-एल. बी., डी. लिट्., भूतपूर्व संस्कृत प्राध्यापक मध्यमान्त शिक्षा विभाग, संस्थापक-निदेशक : प्राकृत, जैनधर्म और अहिंसा शोध-संस्थान, वैशाली ( बिहार ), प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष : संस्कृत-पालि-प्राकृत विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ लैंग्वेजेज एंड रिसर्च, जबलपुर विश्वविद्यालय ( म. प्र.) LINIO ममतामय भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन वीर नि. संवत् २४९८ : विक्रम संवत् २०२९ : सन् १९७२ द्वितीय संस्करण : मूल्य अठारह रुपये Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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