Book Title: Jainatva Jagaran
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Chandroday Parivar

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Page 298
________________ २९६ जैनत्व जागरण..... ईंट के मंदिर में दशभुजा देवी की मूर्ति देखी थी । इस समय सब कुछ चला गया है। पुरुलिया से जिस हद तक मूर्तियाँ चोरी हुई है उसका कोई हिसाब नही है । दुःख की बात यह है कि इन्हें रोकने का भी कोई उपाय किसी के पास नहीं है। हा ग्रंथ में सहयोग का - प. पू. आ. भ. पुण्यरत्नसूरिजी म. सा. - श्री लताबेन बोथरा - श्री हीरालाल टुग्गड - श्री हिमांशु जैन (दिल्ही) - श्री अपूर्व शाह (नवरंग प्रिन्टर्स) - श्री कोबा जैन तीर्थ (ज्ञान मंदिर) - श्री गीतार्थ गंगा ज्ञान मंदिर पूर्वे प्रकाशित पुस्तक का - मन्त्रं संसार सारं (भाग १-५) - जम्बू जिनालय शुद्धिकरण - सूरिमंत्र कल्प संग्रह - इतिहास गवाह हैं - जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा History Says (English) - Lights (English)

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