Book Title: Jain Viro ka Itihas
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Kamtaprasad Jain

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Page 104
________________ जैन मित्रमंडल द्वारा प्रकाशित हिन्दी ट्रेक्ट। १ रेशम के वस्त्र-लेखक बाबू जोतीप्रसाद देव बद २ घोर अत्याचार और उसका फल-ले० पं० जुगलकिशोर मुख्तार ३ द्रव्य संग्रह-लेखक पं. गौरीलालजी ४ जैन मित्र मंडल का विवरण-मंत्री ५ अहिंसा-लेखक ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजी ६ जैनधर्म सिद्धान्त ही भूमंडल का सार्वजनिक धर्म सिद्धान्त हो सकता है-लेखक माईदयाल जैन बी. ए. आनर्स मूल्य । ७ रत्नकरण्ड श्रावकाचार पद्यानुवाद-पं० गिरधर शर्मा नवरन - जैन मित्रमंडल का इतिहास और कार्य विवरण-मंत्री 8 जैनधर्मप्रवेशका प्रथम भाग-लेखक सूरजभान वकील । १० मुक्ति और उसका साधन ब्रह्मचरी शीतलप्रसादजी ) ११ जिनेन्द्रमत दर्पण प्रथम भाग-लेखक पं. जुगलकिशोर मुख्तार १२ उपासनातत्व१३ मुक्ति-लेखक पं० प्रभाचन्द्रजी न्यायतीर्थ १४ पंचवत - लेखक बाबू भोलानाथजी मुख्तार १५ रत्नत्रय कुंज-वैरिस्टर चम्पतरायजी १६ झान सूर्योदय-बाबू सूरजभानजी वकील १७ जैनवीरों का इतिहास और हमारा पतन-ले०अयोध्याप्रसादजी ।। १८ वीर जयन्ती उत्सव तथा मण्डल का विवरण २६२8 १६ वीर जयन्ती उत्सव तथा मण्डल का हिसाब १६३० २० जैनी कौन हो सकता है-लेखक पं० जुगलकिशोर मुख्तार २१ जैन वीरों का इतिहास-लेखक कामताप्रसादजी नोट-फ्री ट्रेक्ट या रिपोर्ट -Jआने के टिकट आने पर मुफ्त भेजी जा सकती है। मिलने का पता: जैन मित्रमण्डल, धर्मपुरा देहली। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com 50

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