Book Title: Jain Vidya aur Vigyan
Author(s): Mahaveer Raj Gelada
Publisher: Jain Vishva Bharati Samsthan
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लोकवाद
परिणामी नित्यत्ववाद
न सर्वथा नित्य न सर्वथा अनित्य, परिभाषा
किंशरीरत्व, विज्ञान का द्रव्याक्षरत्ववाद द्रव्य और शक्ति का रूपान्तरण ।
खण्ड - 2
द्रव्य मीमांसा और दर्शन
वैज्ञानिक आइंस्टीन और हाकिंग के मन्तव्य
ऐतिहासिक दृष्टि से ब्रह्माण्ड का वैज्ञानिक अध्ययन सापेक्षवाद और क्वांटम यांत्रिकी
(vii)
आकाश-काल की युति
(i) लोक- अलोक का विभाजक तत्व
(ii) -धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय
(iii) गति तत्त्व
(iv) विज्ञान जगत में 'ईथर' तत्त्व की अमान्यता (v) सीमित विश्व
(vi) सीमित विश्व की सीमाएं (vii) बिग-बैंग
आकाश और दिशाएं
ताप दिशा
प्राचीन मान्यता
दिशाओं की वकाकार आकृति शब्द की पौद्गलिकता
दर्शन और विज्ञान
आगमिक स्वरूप
समस्याएं
काल
विज्ञान का मत
सापेक्षता
केवल ज्ञान का अभिप्राय
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