Book Title: Jain Vidya aur Vigyan
Author(s): Mahaveer Raj Gelada
Publisher: Jain Vishva Bharati Samsthan

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Page 12
________________ 5. कलासवर्ण 6. यावत् तावत् 7. वर्ग 8. घन 9. वर्ग-वर्ग 10. क्रकच व्यवहार संख्यात, असंख्यात, अनन्त - 1 - कर्मवाद - - | PETI│ - - - शीर्षप्रहेलिका वर्गित करने का उपक्रम श्वेताम्बर परम्परा दिगम्बर परम्परा कृति अवक्तव्य - कृति गणना संख्या अनन्त तथा असंख्यात् कर्म और पुरुषार्थ परिवर्तनशीलता दार्शनिक विवेचन परिभाषा मनोविज्ञान सीमाएं जैनेटिक इंजीनियरिंग कर्म संक्रमण का सिद्धान्त पुरुषार्थ के द्वारा कर्मों में परिवर्तन जीन्स और वातावरण गुणसूत्र (x) मोहनीय कर्म आवेग नियंत्रण परिवर्तनशीलता 211 211 211 211 212 212 213 213 214 215. 215 215 216 216 218 223 226 226 227 227 228 228 229 229 · 230 230 231 233 233 234 235

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