Book Title: Jain Society Lansing MI 2000 05 Pratistha
Author(s): Jain Center Lansing MI
Publisher: USA Jain Center Lansing MI

View full book text
Previous | Next

Page 58
________________ आरती श्री चाँदनपुर महावीर स्वामी ॐ जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो। कुण्डलपुर अवतारी, त्रिशलानन्द विभो॥ ॐ जय महावीर प्रभो।। सिद्दारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी। बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी१ ॐ जय महावीर प्रभो। आतम ग्यान विरागी, सम दृष्टि धारी। माया मोह विनाशक, ग्यान ज्योति जारी।२ ॐ जय महावीर प्रभो। जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो। हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो।३ ॐ जय महावीर प्रभो। इह विधि चाँदनपुर में अतिशय दर्शायौ । ग्वाल मनोरथ पूरयो दूध गाय पायौ।४ ॐ जय महावीर प्रभो। ___प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना। मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना।५ ॐ जय महावीर प्रभो। जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी। एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी।६ ॐ जय महावीर प्रभो। जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै। होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै।७। ॐ जय महावीर प्रभो। निश दिन प्रभु मन्दिर में, जगमग ज्योति जरै। हरि प्रसाद चरणों में, आनन्द मोद भरै।८। ॐ जय महावीर प्रभो। ********** Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108