Book Title: Jain Society Lansing MI 2000 05 Pratistha
Author(s): Jain Center Lansing MI
Publisher: USA Jain Center Lansing MI

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Page 64
________________ २४ तीर्थांकरों की वंदना थारे चरणों मे नमू ३ चौबीसों महाराज, थारे चरणों मे... जी चौबीसों महाराज, जी चौबीसों महाराज, थारे चरणों मे नमू ३ नमू सर्वश्री ऋषभ देव को, अजित नाथ श्री संभवा जी को, अभिनंदन महाराज थारे चरणौं०॥ सुमतिनाथ प्रभु सुमती देंगे, पदम प्रभू पद चिन्ह गहेंगे, सुपार्श्व नाथ महाराज ॥थारे चरणौं०।। चन्द्र प्रभू श्री पूष्दंत जी, शीतल नाथ श्री श्रेयांश नाथ जी, वासपूज्य महाराज ॥थारे चरणौं०॥ विमल नाथ प्रभू आत्म विमल हो, अनंत नाथ हृदया अनंत हो, धर्मनाथ जिनराज ॥थारे चरणौं०॥ शांति नाथ हो शांति जग में, कुंथ नाथ हो समता हम में, अरे नाथ महाराज ॥थारे चरणौं०॥ मल्लिनाथ मुनीसुव्रत नाथ जी, पार करो अटका जहाज जी, नमि नाथ महाराज ॥थारे चरणौं०॥ नेमि नाथ नमू बारम्बारा, पार्श्वनाथ तुम हो आधारा, वीर सुधारें काज ॥थारे चरणौं०॥ ********** 58 Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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