Book Title: Jain Siddhanta Bol Sangraha Part 01
Author(s): Bhairodan Sethiya
Publisher: Jain Parmarthik Sanstha Bikaner

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Page 518
________________ [ घ ] शुद्ध अमनोज्ञ पृष्ठ अनमोज्ञ 166 167 वियोग परिवेदना संयोग 167 परिदेवना 168 " लता कनरा पृथकत्व लात करना पृथक्त्व 164 206 शुवल शुक्ल 206 के के 210 अनिर्वती अनिवर्ती लिङ्ग अव्यथ लिङ्ग 211 216 उत्करणोत्पादनता अमुत्पन्न लिए अनुकूता लिए उपकरणोत्पादनता अनुत्पन्न लिए अनुकूलता लिए लिए हुए (3) स्तम्भन-हाथ (3) हाथ लिए लिए लिए लिए

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