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विषय-सूची हिन्दी-विभाग
१ अपभ्रंश साहित्य और जैनी!-['साहित्य-भ्रमर' २ अगुव्रत-रन-प्रदीप-[श्रीयुत प्रो० हीरालाल जैन, एम० ए०, एलएल० बी० .. १५५ । प्राचार्य नेमिचन्द्र और ज्योतिप-शास्त्र-[श्रीयुत पं० नेमिचन्द्र जैन, न्याय-ज्योतिष-तीर्थ- ९३ ४ आचार्य वादिराज और उनकी रचनाएँ-[श्रीयुत पं० परमानन्द जैन, शास्त्री ... ११३ ५ कोपण-कोप्पल-[श्रीयुत पं० के० भुजवली शास्त्री, विद्याभूषण ... ११० ६ क्या यह सचमुच भ्रमनिवारण है ?-[श्रीयुत पं० जुगलकिशोर मुख्तार ४२ ७ क्या वादीभसिंह अकलंकदेव के समकालीन हैं ?-[श्रीयुत पं० के० भुजबलीशास्त्री,
विद्याभूपण ८ क्या पावागढ़ दिगम्बर तीर्थ है ?-[श्रीयुत अगरचन्द नाहटा, बीकानेर १४७ ९ गोन्मट स्वामीकी सम्पत्तिका गिरवी रक्खा जाना—[श्रीयुत पं० जुगल किशोर मुख्तार २४२ १० गोम्मट-मूर्ति को प्रतिष्ठाकालीन कुण्डली का फल-[श्रीयुत पं० नेमिचन्द्र जैन, न्याय-ज्योतिप-तीर्थ
... २६१ ११ जैन रामायण का रावण-[श्रीयुत पं० के भुजवली शास्त्री, विद्याभूषण ... १ १२ जैनसिद्धान्त-भवन, पारा का वार्पिक-विवरण ... १३ जनबिद्री अर्थान् श्रवणबेलगोल-[श्रीयुत प्रो० होरालाल जैन, एम. ए, एलएल.बी. ११ दक्षिण भारत के जैन वीर-[श्रीयुत त्रिवेणी प्रसाद, बी० ए० . ... २४९ १५. सानिणात्य जैनधर्म-[श्रीयुत स्व० आर० ताताचार्य, एम० ए०, एल० टी० .. १०२
द्रौपदी के पश्चपनिल पर विचार-[श्रीयुत पं० के० भुजबली शास्त्री, विद्याभूषण .. १३७ १७ भन्नः पौर नेताम्बर जैनागम-[श्रीयुत अगरचन्द नाहटा, बीकानेर १८ मंगाभ्युदय की दो प्राचीन प्रतियों - [श्रीयुत पं० नाथूराम प्रेमी . २५८ १९ नम पिरण' का का कोन है ?-[श्रीयुत पं० सुमेरुचन्द्र जैन, दिवाकर न्यायतीर्थ शाग्नी, यी १०, एल-एल० वी०
... २३ ३पालिनि. पनि सनि और पृचपाठ-[श्रीयुत पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री .. २१६ २. भाग्ना के पतन का मुग्क्य कारण-[श्रीयुत कामता प्रसाद जैन, एम. आर. ए. एस. ७१ २२ मामायनी (47)-[श्रीयुन पं० के० भुजबली शास्त्री, विद्याभूपण ... २४५ २३ धाग्नन्दी और उनका प्राचारमार-[श्रीयुत पं० परमानन्द जैन, शास्त्री