Book Title: Jain_Satyaprakash 1948 03
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भीमविजयगणि रासका सार लेखक-श्रीयुत भंवरलालजी नाहटा जैन ऐतिहासिक राससाहित्य अत्यन्त विशाल है, और आए दिन नित्य नये नये ऐतिहासिक रास उपलब्ध होते हैं । कुछ वर्ष पूर्व उनके प्रकाशनका प्रयत्न हुआ पर उसका यथोचित आदर एवं प्रचार होने से वह कार्य आगे नहीं बढ़ सका। वास्तवमें जैन समाजकी इतिहासकी ओर बहुत ही कम अमिरुचि प्रतीत होती है। ___ इतिहासकी उपयोगिता निर्विवाद है। हमारा जीवन, प्राचीन संस्कृति और इतिहाससे अनुमानित होता रहता है। प्राचीनके आधारसे नवीनताकी सृष्टि होती रहती है प्राचीन गौरव मानवको उन्नत बनाने में बहुत कुछ प्रेरणा देता है। जैन समाजकी वर्तमान स्थिति बहुत ही सोचनीय है, पर वह अपने उज्ज्वल अतीतका आज भी अभिमान कर सकता है। जैन मुनियोंने समय समय पर राज्याधिकारियों से मिल कर उन पर प्रभाव डाल कर जैन समाज एवं संघकी विपत्तियोंको दर किया है, उन्हें अनेक प्रकारकी सुविधाएं शासकोंकी ओर से मिलती रही है। १८वीं शतीके तपागच्छीय यति भीमविजय भी एक प्रभावशाली व्यक्ति थे जिन्होंने औरंगाबादके नवाब असतखानको ज्योतिष वैद्यकादिके चमत्कारोंसे प्रभावित किया था, जिस के फलस्वरूप अनेक स्थानोंके जैन उपाश्रयादि जन्नत संपत्तिको पुनः जैन संघको अधिकृत करवाया था। इनके शिष्य मुक्तिविजयने भी नवाबसे इसी प्रकारके काम निकाले थे । इस रासकी ३ प्रतियें कलकत्ताके स्वर्गीय वाबू पूरणचन्द्रजी नाहरकी गुलाबकुमारी लायब्रेरीमें संग्रहीत है, जिसके आधारसे रासका संक्षिप्त सार दिया जाता है । इसकी रचना लालचंद्रगणिने १०२ पद्योंमें की है। रासका सार तपागच्छनायक सुप्रसिद्ध जैनाचार्य हीरविजयमूरिजीकी परम्परामें भीमविजयगणि बडे प्रतापी हुए। उ० सोमविजय, उ० चारित्रविजय, पं० धर्मविजय के शिष्य पंन्यास भीमविजय थे। आप क्रियाशील, विद्वान और प्रभावशाली पुरुप थे । आपने शत्रुजय, गिरनार, आबू , ऋषभदेव, मगसी, फलौधी प्रमुख तीर्थों की यात्रा की थी । आप ज्योतिष वैद्यकादिमें निष्णात होने के साथ साथ शरीरका गठन बडा मजबूत और सुंदर था, आपके हृदय पर श्रीवत्स चिह्नअंकित था। श्रीपूज्य श्री विजयरत्नमरि आपका बडा आदर करते और यतियों को चातुर्मास के आदेशका भार भी उन्होंने आपको सौंप दिया । For Private And Personal Use Only

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