Book Title: Jain Sanskrit Sahityano Itihas Part 03
Author(s): Munichandrasuri
Publisher: Jain Dharm Vidya Prasarak Sabha Palitana
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જૈન સંસ્કૃત સાહિત્યનો ઇતિહાસ : ખંડ ૩ : પ્રકરણ ૪૪
ઋષભતર્પણ- આ નામની એક અજ્ઞાતકર્તુક કૃતિ છે. એ ક્રિયાકાંડને અંગેની છે.
બંભચેરપરિકરણ– આના કર્તા કપૂરમલ્લ છે. એમણે આ કૃતિ ૪૬ પદ્યમાં રચી છે. એ મણિધારી શ્રીજિનચન્દ્રસૂરિ” નામના પુસ્તકમાં છપાઈ છે પરંતુ મારા જોવામાં આવી નથી. એ પ્રાકૃતમાં છે.
[संनशा प्रतिष्ठा७८५- सं. मा. त्यासा॥२सूरि. प्र. “सिमं५२ हैन मंEि२ पातुं" મહેસાણા સં. ૨૦૩૫
अंजनशला प्रतिष्ठास्यविधि- सं. अमृतवार (२५१. प्र. हैन पेढी २u.] જિનસ્નાત્રવિધિ તથા અહંદુ અભિષેકવિધિ– પ્ર. જૈન સાહિત્ય વિકાસમંડલ.” प्रतिष्ठाs८५ अंजनशला-प्रतिष्ठाहविधि- सं.भा. अशोऽयंद्रसूर.
जिनदत्तसूरिज्ञान भंडार, जैसलमेर के हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र, द्वितीय खण्ड, संकलनकर्ताश्री जौद्ररीमल पारेख एवं अन्य, प्रका०-सेवा मंदिर, रावटी, जोधपुर 1988 ई०.
जिनशासननांश्रमणीरत्नो, संपा०-नन्दलाल देवलुक, प्रका०-अरिहन्त प्रकाशन, भावनगर 1994 ई०.
जैनऐतिद्रासिकगूर्जरकाव्यसंयय, संपा०-मुनि जिनविजय, प्रका०-प्रवर्तक श्री कांतिविजय जैनऐतिहासिक ग्रन्थमाला, भावनगर 1926 ई०.
जैनतीर्थसर्वसंग्रह, भाग 1, खंड 1-2, भाग 2, लेखक-पं० अम्बालाल प्रेमचन्द शाह, प्रका०आनन्दजी कल्याणजी की पेढ़ी, अहमदाबाद 1963 ई०.
जैनप्रतिभादर्शन, संपा०-नन्दलाल देवलुक, प्रका०-श्री अरिहन्त प्रकाशन, भावनगर 2000 ई०.
तपागच्छवंशवृक्ष, लेखक-जयन्तीलाल छोटालाल शाह, प्रका०- जयन्तीलाल छोटालाल शाह, सातभाईनी हवेली, झवेरीवाड़, अहमदाबाद वीर संवत् 2462.
पट्टावलीपराग संग्रह, संपा०-मुनि कल्याविजय गणि, प्रका०-श्री कल्याणविजय शास्त्र संग्रह समिति, जालोर 1966 ई०.
पट्टावलीसमुच्चय, भा.1-2 संपा०- मुनि दर्शनविजय, प्रका०- श्री चारित्र स्मारक ग्रन्थमाला, वीरमगाम 1933 ई० पुनर्मुद्रा निशासन मा२।५। ट्रस्ट.
अर्बुदपरिमंडल की जैनधातुप्रतिमाएँ एवं मंदिरावली डॉ. सोनसार ५८नी सिरोही. प्रतिष्ठालेखसंग्रह, संपा०- विनय सागर, प्रका०- सुमति सदन, कोटा 1953 ई०.
प्रायीनजैनामेखसंग्रह, भाग 2, संपा०- मुनि जिनविजय, प्रका०- श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर 1921 ई०.
प्राचीनतीर्थमालासंग्रह, संशोधक-विजयधर्मसूरि, प्रका०- यशोविजय जैन ग्रन्थमाला भावनगर वि०सं० 1978.
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