Book Title: Jain Puran kosha Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan View full book textPage 2
________________ niny Educ जैन वाङ्मय में प्रकाशित इतर कोणों की अपेक्षा प्रस्तुत कोश की प्रकृति भिन्न है । इसमें जैनधर्म में माने गये तिरेसठ शलाका पुरुष चौबीस तीर्थंकर, बारह चक्रवर्ती, नौ बलभद्र, नौ नारायण, नौ प्रतिनारायणों तथा प्रसिद्ध राजवंशों से सम्बन्धित कथानकों और प्रवान्तर-कथाओं में आये पात्रों का पौराणिक दृष्टि से परिचय कराये जाने के कारण इसे 'जैन पुराण कोश' नाम दिया गया है। इसमें पारिभाषिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक, पौराणिक व्यक्ति, राजा-महा राजा तथा राजवंशों के लगभग 9000 संज्ञाओं और 12000 शब्दों की महत्त्वपूर्ण और प्रामाणिक सामग्री, जैन वाङ्मय के पांच प्रमुख पुराणों महापुराण, पद्मपुराण, हरिवंशपुराण, पाण्डवपुराण, और वीरवर्द्धमानचरित के आधार से सन्दर्भसहित संकलित की गयी है । - PROCHAN VITA Jawahar Nagar Bunglow Road BHARATIYA Mer 80 MongPage Navigation
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