Book Title: Jain Prakrit Katha Lekhakancha Stree Vishayak Drushtikon
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Nalini Joshi

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Page 16
________________ संदर्भ-ग्रंथ-सूची अनुवादित ग्रंथ अनोळखी गोष्टी (भाग 1 ते 6), जैन प्राकृत कथा : अनुवाद - सुमतिलाल भंडारी, सं.-डॉ. नलिनी जोशी, सन्मति-तीर्थ प्रकाशन (2007 ते 2011), पुणे मूलाधार ग्रंथ 1. अर्धमागधी आगम ग्रंथ : इ.स.पूर्व 5 वे शतक ते इ.स.चे 5 वे शतक सूत्रकृतांग, व्याख्याप्रज्ञप्ति, ज्ञातृधर्मकथा, उपासकदशा, अंतकृद्दशा, विपाकसूत्र, उत्तराध्ययन, राजप्रश्नीय 2. जैन महाराष्ट्री ग्रंथ : इ.स.चे 5 वे शतक ते इ.स.चे 12 वे शतक वसुदेवहिंडी : संघदासगणि व धर्मसेनगणि, 5 वे शतक उपदेशपद : हरिभद्रसूरि, 8 वे शतक कुवलयमाला : उद्योतनसूरि, 8 वे शतक धर्मोपदेशमालाविवरण : जयसिंहसूरि, 9 वे शतक मूलशुद्धिप्रकरण : प्रद्युम्नसूरि, 11 वे शतक उत्तराध्ययनसूत्र, सुखबोधाटीका : देवेंद्रगणि/नेमिचंद्रसूरि, 11 वे शतक मनोरमाकथा : वर्धमानसूरि, 11 वे शतक कुमारपालप्रतिबोध : सोमप्रभसूरि, 12 वे शतक आख्यानमणिकोश : देवेंद्रगणि, 12 वे शतक आख्यानमणिकोशवृत्ति : आम्रदेवसूरि, 12 वे शतक उपदेशपद, सुखबोधिनीटीका : मुनिचंद्रसूरि, 12 वे शतक पाइय-विन्नाण-कहा (भाग 1,2) : विजयकस्तूरसूरिश्वरजी, 20 वे शतक **出来坐坐坐坐坐

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