Book Title: Jain Nyayashastra Ek Parishilan
Author(s): Vijaymuni
Publisher: Jain Divakar Prakashan

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Page 185
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १७६ | जैन न्याय - शास्त्र : एक परिशीलन ५. उपाध्याय यशोविजय : (क) जैन तर्क- भाषा (ग) नयोपदेश सूत्रात्मक जैन न्याय ग्रन्थ १. परीक्षा - मुख २. प्रमाण- नय तत्त्वालोकालंकार ३. प्रमाण - मीमांसा ४. भिक्षु न्याय - कणिका ५. न्यायरत्न- सार १. आचार्य दिङ नाग कृत ग्रन्थ : १. न्याय प्रवेश - ३. हेतु चक्र - हमरू ५. आलम्बन परीक्षा २. आचार्य धर्मकीति कृत ग्रन्थ १. न्याय बिन्दु ३. सिद्धि विनिश्चय (ख) नय - रहस्य बौद्ध न्याय के प्रसिद्ध ग्रन्थ १. न्याय सार २. तर्क भाषा ३. तर्क - कौमुदी ४. न्यायसिद्धान्तमुक्तावली ५. तर्क संग्रह ६. सप्त पदार्थी ७. तर्कात - माणिक्यनन्दि कृत - वादिदेव सूरि कृत - आचार्य हेमचन्द्र कृत - आचार्य श्री तुलसी कृत - आचार्य घासीलालजी कृत Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २. प्रमाण - समुच्चय ४. प्रमाण शास्त्र ६. त्रिकाल - परीक्षा वैदिक न्याय के प्रसिद्ध ग्रन्थ २. हेतु बिन्दु ४. प्रमाण - वार्तिक न्याय-वैशेषिक मुख्य ग्रन्थ For Private and Personal Use Only १. न्याय सार २. सप्त पदार्थी ३. तर्कभाषा ४. तर्क कौमुदी ५. भाषा-परिच्छेद न्याय सिद्धान्तमुक्तावली ६. तर्क - संग्रह - दीपिका - भासर्वज्ञ - केशव मिश्र - लोगाक्षि भास्कर - विश्वनाथ पञ्चानन - अन्नं भट्ट - शिवादित्य — जगदीश भट्टाचार्य -भासर्वज्ञ - शिवादित्य - केशव मिश्र - लौगाक्षि भास्कर -अन्नं भट्ट

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