Book Title: Jain Muni Ki Aahar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 8
________________ सेवार्पण जिनकी छत्रछाया में बीता मेरा जिनके आदर्श मार्ग पर बढ़ रहा भोला मेरा हर गतिशील चरण । जिनका आशीष देता संबल बचपन / और सफलता का उच्च गगन | जिनकी निश्रा में महक रहा गच्छ खरतर का हर एक चमन || ऐसी मातृ हृदया, महत्तरा पद विभूषिता पूज्या विनीता श्रीजी म.सा. विद्यार्जन भारती पूज्या दिव्यप्रभा श्रीजी म.सा. सरलता की प्रतिमूर्ति पूज्या चन्द्रकला श्रीजी म.सा. प्रवर्त्तिनी पदासीना पूज्या चन्द्रप्रभा श्रीजी म.सा. वात्सल्य वारिधि प्रवर्त्तिनी पूज्या कीर्तिप्रभा श्रीजी म.सा. पूज्या मणिप्रभा श्रीजी म.सा. पुण्य प्रभावी सहज स्वभावी पूज्या सूर्यप्रभा प्रवचन पटु पूज्या डॉ. विद्युतप्रभा आदि सर्व श्रीजी म.सा. श्रीजी म.सा. पुण्य शालिनी, शील धारिणी, गच्छ उद्धारिणी पूज्यवर्य्याओं के चरणों में श्रद्धाभावेन समर्पित 1X

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