Book Title: Jain Marriage Ceremony English and Gujarati Author(s): Publisher: Pallavi and Dilip Mehta View full book textPage 4
________________ ॥ ॐ श्री त्रिशलानंहाय नमः ।। Mittinue || भंडायरा ॥ AVVIS पाप PARELI AHERE नमस्कार. सुस्वागतम. शेनी असीम इपाथी थि. टीप्ति (डिम्पल) सने थि. पनडुभारना लग्ननी भंगण घडी अवतरीछे सेवा परभपाणुश्रीअरिहंतलगवंत,गाधरलगवंतमनेशासनदेवताओने वंध्न उरीसे छीमे. आरे वि.सं. २०५७ नायैत्र सुट मेडम सेटले गुडी पऽवो, ता.८-४-१८८७नाभंगणवारनाशुल हिवसे पालनपुर निवासी श्री दिलीपभाछ रमशिला महेता अने अ. सौ. पद्धवीमहेननी सुपुत्री थि. दीप्ति (डिम्पल) सने सभरापुरनिवासी श्री पंडाला भनसुजला होशी अने अ. सौ. दीपिठानना सुपुत्र थि, बनना भंगल परियायनी विधिनां भंगलायरशहरीओ.आपसी वडीलोनुंसने स्वषनोनुं वरन्धानापन्ने पक्ष तरझ्थीअंतारापूर्व स्वागतऽरीने छीओ.हरजाता है ये गृहस्थाश्रभभाप्रवेशतांशीप्ति-वनम्नासहळवनने आपला अंतरना आशिषथी धन्य अनाववा विनंती धरीने छीस. ॥ ॐश्य श्यय। ॐनमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु॥Page Navigation
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