Book Title: Jain Mahapurana Kalaparak Adhyayana
Author(s): Kumud Giri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
View full book text
________________
२७४ : जैन महापुराण : कलापरक अध्ययन
जेनास, ई० तथा अबूय्य, जे०-खजुराहो, हेग १९६० । जैन, कामता प्रसाद-शासनदेवी अम्बिका और उनकी मान्यता का रहस्य',
जैन एण्टिक्वेरी, खण्ड-२०, अंक १, जन १९५४, पृ० २८-४१ । जैन, के० सी०-जैनिजम इन राजस्थान, शोलापुर १९६३ । जैन, गोकुलचन्द्र-यश स्तिलक का सांस्कृतिक अध्ययन, अमृतसर १९६७ । जैन, ज्योतिप्रसाद-(१) 'देवगढ़ और उसका कला वैभव', जैन एण्टिक्वेरी,
खण्ड-२१, अंक १, जन १९५५, पृ० ११-१२ । (२) 'दि जैन सोर्सेज ऑव दि हिस्ट्री ऑव ऐंश्येण्ट इण्डिया
(१०० बी० सी० ए० डी० ९००)', दिल्ली १९६४ । (३) 'जेनिसिस आव जैन लिट्रेचर ऐण्ड दि सरस्वती
मूवमेण्ट', संग्रहालय पुरातत्व पत्रिका, अंक ९, जून
१९७२, पृ० ३०-३३ । जैन, नीरज-(१) 'पतियानदाई मन्दिर की मूर्ति और चौबीस जिन शासन
देवियां', अनेकान्त, वर्ष १६, अंक ३, अगस्त १९६३,
पृ० ९९-१०३ । (२) 'अतिशय क्षेत्र अहार', अनेकान्त, वर्ष १८, अंक ४, अक्टूबर
१९६५, पृ० १७७-७९ । जैन, प्रेमचन्द-कल्चरल स्टडी ऑव जैन हरिवंशपुराण ( हिन्दी-पीएच०
डी० थीसिस), सागर विश्वविद्यालय १९७८ । जैन, बालचन्द्र-(१) 'महाकोशल का जैन पुरातत्त्व', अनेकान्त, वर्ष १७, अंक
३, अगस्त १९६६, पृ० २०४-१३ ।
(२) जैन प्रतिमाविज्ञान, जबलपुर १९७४ । जैन, भागचन्द्र-देवगढ़ की जैन कला, नई दिल्ली १९७४ । जैन, रुक्मिणी-ए कल्चरल स्टडी ऑव हरिवंशपुराण ( हिन्दी-पीएच० डी०
थीसिस ), रविशंकर विश्वविद्यालय, रायपुर १९७३ । जैन, हीरालाल-(१) जैन शिलालेख संग्रह, भाग १, सं० माणिकचन्द्र, दिगम्बर
जैन ग्रन्थमाला २८, बम्बई १९२८ । (२) 'जैनिज्म', दि स्ट्रगल फार एम्पायर, सं० आर० सी०
मजूमदार तथा ए० डी० पुसालकर, बम्बई १९६०
( पुनमुद्रित ), पृ० ४२७-३५ । (३) भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, भोपाल
१९६२ । जैनी, जे० एल०-'सम नोट्स ऑन दि दिगम्बर जैन आइकनोग्राफो', इण्डियन
एण्टीक्वेरी, खण्ड ३२, दिसम्बर १९०४, पृ० ३३०-३३२ ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334