Book Title: Jain Mahapurana Kalaparak Adhyayana
Author(s): Kumud Giri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 289
________________ :कलापरक अध्ययन देसाई, पी० वी०-जैनिज्म इन साउथ इण्डिया ऐण्ड सम जैन एपिग्राफ्स, जीवराज जैन ग्रन्थमाला ६, शोलापुर १९६३ । नाहटा, अमरचन्द-'भारतीय वास्तुशास्त्र में जैन प्रतिमा सम्बन्धी ज्ञातम्य', अनेकान्त, वर्ष २०, अंक ५, दिसम्बर १९६७, पृ० २०६.१५।। नाहर, पी० सी०-'जैन इन्स्क्रिप्शन्स', भाग १, जैन विविध साहित्य शास्त्र माला ८, कलकत्ता १९१८।। परिमू, रतन-(०) एलोरा केस-स्कल्पचर्स ऐण्ड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली १९८८। पुरी, बी० एन०-दि हिस्ट्री ऑव दि गुर्जर प्रतिहारज, बम्बई १९५७ । । पुसालकर, ए. डो०-खण्ड १, दि वैदिक एज, लन्दन १९५० । खण्ड २, दि एज ऑफ इम्पीरियल यूनिटी, बम्बई १९५१ । खण्ड ३, दि क्लासिकल एज, बम्बई १९५४ । खण्ड ४, दि एज ऑव इम्पीरियल कन्नौज, वम्बई १९५५ । खण्ड ५, दि स्ट्रगल फॉर एम्पायर, बम्बई १९५७ । प्रमोदवन्द्र-स्टोन स्कल्पचर इन दि इलाहाबाद म्यूजियम, पूना १९७० । प्रसाद, त्रिवेणी-'जैन प्रतिमाविधान', जैन एण्टीक्वेरी, खण्ड-४, अंक १, जून १९३७, पृ० १६-२३ । प्रसाद, संकठा-'ऐश्येण्ट जियोग्राफी ऑव इण्डिया फ्राम जैन सोर्सेज ७०० ए. डी०-१२०० ए० डी०' (पीएच० डी० थीसिस ), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी १९७३। प्रेमी, नाथूराम-जैन साहित्य और इतिहास, बम्बई १९५६ । बनर्जी, आर० डी०-ईस्टर्न इण्डियन स्कूल ऑव मेडिवल स्कल्पचर, दिल्ली १९३३ । बनर्जी, जे० एन०-दि डेवलपमेण्ट ऑव हिन्दू आइकनोग्राफी, कलकत्ता १९५६ । बनर्जी, प्रियतोष-'ए नोट ऑन दि वशिप ऑफ इमेजेज इन जैनिज्म ( २०० बी० सी०-२०० ए० डी० )', जर्नल ऑव दि बिहार रिसर्च सोसाइटी, खण्ड-३६, भाग १-२, १९५०, पृ० ५७-६५ । बर्जेस, जे०-(१) एलोरा केव टेम्पुल्स, आर्कियलॉजिकल सर्वे ऑव इण्डिया, खण्ड-५, वाराणसी १९७० ( पु० मु०)। (२) 'दिगम्बर जैन आइकनोग्राफी', इण्डियन एण्टीक्वेरी, खण्ड-३२, १९०३, पृ० ४५९.६४ । बाजपेयी, के० डी०–'मध्य प्रदेश की प्राचीन जैन कला', अनेकान्त, वर्ष १७, अंक ३, अगस्त १९६४, पृ० १२-९९, वर्ष २८, १९७५, पृ. ११५-११६ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334