Book Title: Jain Mahapurana Kalaparak Adhyayana
Author(s): Kumud Giri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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२८० : जैन महापुराण : कलापरक अध्ययन
(१३) 'बिगिनिंग्स ऑव जैन आइकनोग्राफी', संग्रहालय पुरा
तत्त्व पत्रिका, अंक ९, जून १९७२, पृ० १-१४ । (१४) 'यक्षिणी ऑव दि ट्वेन्टी-फोर्थ जिन महावीर', जर्नल
ऑफ दि ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट ऑव बड़ौदा, खण्ड२२, अंक १-२, सितम्बर-दिसम्बर १९७२,
पृ० ७०-७८। (१५) 'माइनर जैन डिटीज़', जर्नल ऑव दि ओरियण्टल
इन्स्टीट्यूट ऑव बड़ौदा, खण्ड-३१, अंक ३-४. मार्चजून १९८२, खण्ड-३२, अंक १-२, सितम्बर-दिसस्वर १९८२, खण्ड-३४, अंक १-२, सितम्बर-दिसम्बर
१९८४। (१६) जैन रूपमण्डन ( जैन आइकनोग्राफी), खण्ड-१,
दिल्ली १९८७ । शाह, सी० जे०-जैनिज़म इन नार्थ इण्डिया, ८०० बी० सी० ए० डी० ५२६,
लन्दन १९३२ । शिवराममूर्ति, सी०-'जियोग्राफिकल ऐण्ड क्रोनोलाजिकल फैक्टर्स इन इण्डियन
आइकनोग्राफी', ऐंश्येण्ट इण्डिया, १९५०, खण्ड-६, पृ० २१-६३ । शुक्ल, द्विजेन्द्रनाथ-(१) प्रतिमा विज्ञान, (भारतीय वास्तुशास्त्र ग्रन्थ ५),
लखनऊ, सं० २०१३ ।
(२) प्रतिमा लक्षणम्, लखनऊ , सं० २०१४ । शुक्ला, डी० एन०-हिन्दू कैनन्स ऑव आइकनोग्राफी ऐण्ड पेण्टिग, गोरखपुर
१९५८ । संकालिया, एच० डी०-(१) "दि अर्लीएस्ट जैन स्कल्पचर्स इन काठियावाड़,
जर्नल ऑव दि रॉयल एशियाटिक सोसायटी,
जुलाई १९३८, पृ० ४२६-३०। (२) 'जैन आइकनोग्राफी', न्यू इण्डियन एण्टिक्वेरी,
खण्ड-२, १९३९-४०, पृ० ४९७-५२० ।
(३) दि आर्कियोलॉजी ऑव गुजरात, बम्बई १९४१ । सरकार, डी० सी०-सेलेक्ट इन्स्क्रिप्शन्स, खण्ड-१, कलकत्ता १९६५ । सहाय, भगवन्त-आइकनोग्राफी ऑव माइनर हिन्दू ऐण्ड बुद्धिस्ट डिटीज, नई
दिल्ली १९७५ । सिक्दार, जे० सी०-स्टडीज इन दि भगवतीसूत्र, मुजफ्फरपुर १९६४ । सिंह, अमरेन्द्र-प्राचीन भारत में यक्ष, किन्नर एवं दिक्पाल पूजा, इलाहाबाद
१९८९ ।
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