Book Title: Jain Kavyaprakash Part 01
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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१५ |१४ अट नेयुंटील नियरएां. ३२७||१७ निशुननयोरेणघासी. ७८५|| ||१५ मन हुभीनी ज्ञानसयरीः ३२७४४ उमभिसे जीपगारीवेश्रीशु ४०० ||१९ भानचित्त घेतीप्यारे, अल० ३२८॥४५ उरभाएंधी चाललयानन्नयुं • ||१७ मेसेजरिहंतडे गुनशामोरे ७२७|| ४५ जतरा पूरऊरनां श्नां. ३०० १८ भजीयांहरजनवाणीहभारी २०१७ जोयोरे शिवारतें सारोन्म-3८० १७ मागसजीभेरेवालमानिन्- 33८४८ ज्यान जियार नियाग्यान० ३१२ २० मेउवालाश्रीवीतराशः 334/7८ गोडीगजारीपाड. .. ३५२|| २१ मारहमश्रीग्निर्शन पायो.3७७|| ५० ज्ञान पनापन योरी भेरे० ७८१ २१ जेसीजैनषानीभेरेलावंधणे.३८९|| ५१ चैतनसोभुनिखशिववास-२०५ २३ औरनशूरंगन्यारान्यारा. ३८२|५२ चेतनाथीरे भट्टिाघर, ३०५// २१ जायोरे जुटापो.पयरी. १८७|| ५७ थरनसरन पडरी एमपत्नु - ७३| २५ अनित्यं उपायभाया. १०२||५४ थिएनहतेरोहि ज्ञान विचार . ४०७|| २९ जैसे सहेरजियन हिचानः०११||५५ छंजीप्रभाने वेगेंसयरी. २७५ २७ मापे ज्यालजेपता धूसा. ४१२||५६ छजीयांनाथडी भोसें पल३० ३०० २८ सभारणभतन्लयरेनर. 33८५७ छोडभायान्नसरे भनतुं ७१७ २१ मभने पशले पधारो रार २०७/५८ छोटीसीन्ननगरासाभपरु ४०२|| 3० राउरेल्लखाण - २७०/५५ उछपल्यन ग्निरान. २७२|| 3१ ज्यालरोसातनामजपुर २०६ ९० नगनगरेनगलोरल २५५/ ३२ उमताएं पूर उरो भोहेसुभता ३०१,५१ नेषनान्नेरल मोरी० ३०१|| 33 भति डुटिससे संशतरमन- 3१७|| ५१. न्नेजनांन्नेरलयोनसेन ७०२.// 37 R.२११ र उरअरनी० ३१८|| ५७ जिनसे प्रीतपाणी भोरी० ७०५|| ७५. ज्यातनभांगणारे माजरभट्टी:००७||९ रिनल सें भारी लगनपणी 3०७|| ३९ ओणानभायेरे पुनियां 33८||९५. रिनतेरे चश्नही शरनहुँ १५|| ३७ ओनाडिसीओ भित्तगत ३२०॥ ९९ बिननामस्मरखेयाजज • ७२ना ७८ सहारे अज्ञानीलपहूंश ३७९५७ ग्नितेरीजानी मादेशः ३३९|| 37 हे सोयित भतिलारीरे. ३८२|| ५८ गतऍरयनासुपनाः १|| ४० औनजनरपेभोरीरेतुभवि ३८४|| ९५ लेगारंलडोभारगवांडोरे. ३८||
१ सोसासहोवैसास सो० 36. रैनधर्म पायो पहिलो |२. साध्यानघच्याहेनेगी. 30८७१ नगशील हे परधान |
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