Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 05 Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 3
________________ ४८१७ 09 Madaan-munanasiuana REFE RememRIYArmal श्री जनकथा रत्नकाप नाग पांचमो. - - SATISATIONAL CV । आनागमा . विचित्र नपदेशनो कम्नागे एवोकपरप्रकरनामा ग्रंथ, ___ बालावबांध अने कथा सहित. ---- --- २ । नया संसारना प्रपंचसंबंधी स्वरूपने दर्शावनारो एवो भुवनभानु केवलीनो रास तथा समकेतनां षट्स्थानकनी चोपाइ अने अर्थसहित दृष्टांतशतक ए चार ग्रंथोनो समावेश करीने, श्रावक शा नीमसिंह माणके __ श्रीमुंबापुरीमध्ये निर्णयमागर नामक मुद्रागंत्रमा मदिन क.गव्यो. संत ५०.४., मन । * आ पुस्तकने छापवासंबंधी सर्व प्रकारनो हक छपावनार पोताने स्वाधीन राखेलो छे. m - -Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 401