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गुजराती भाषाके हैं। जितनें लेख हैं वे सब ही महावीर भगवानके सम्बन्धमें हैं। दो तीन लेख बहुत ही महत्त्वके हैं । हमें यह जानकर बहुत दुःख हुआ कि सम्पादक महाशयको जैन समाजके लेखकोंसे इस विषयमें बहुत ही कम सहायता मिली है-हम स्वयं भी अनवकाशवश इस अंकके लिए कोई लेख नहीं लिख सके। परन्तु फिर भी उन्हें अपने इस पहले प्रयत्नमें अच्छी सफलता प्राप्त हुई है। इस तरहके प्रयत्न और भी दो चार बार दो चार विद्वानों द्वारा किये जायेंगे, तो हमें आशा है कि थोडे ही समयमें 'महावीरचरित ' लिखनेके लिए यथेष्ट सामग्री एकट्ठी हो जायगी। हेरल्डके सम्पादक महोदय महावीर भगवानके विषयमें जिन जिन बातों पर लेख चाहते थे, उनकी उन्होंने एक सूची बनाकर लेखकोंके पास भेजी थी। सूची बहुत विचारसे लिखी गई है, इस लिए हम उसे यहाँ प्रकाशित कर देते हैं। दिगम्बर समाजके विद्वान् और लेखक भी इससे जान सकेंगे कि भगवानके जीवनचरितके लिए क्या क्या सामग्री चाहिए:
१ महावीर प्रभुका बाल्यकाल-विद्यार्थी अवस्था । २ गृहस्थाश्रम और त्याग । ३ अभ्यासी और कर्मवीर महावीर । ४ धर्मोपदेशक और धर्मोद्धारक महावीर । ५ भगवानके गणधर, शिष्य शिष्यायें और श्रावक । ६ भगवानके समकालीन राजाओंका दिग्दर्शन । ७ भगवानके समयकी संघकी स्थिति और बस्ती। ८ साधुओंकी दशा ।९ महावीरचरितसे मिलनेवाली शिक्षायें। १० उनके समयके ३६३ पाखण्डियोंका परिचय । ११ कालनिर्णय और उसकी कठिनाईयाँ । १२ महावीर और बुद्धदेव । १३ भगवद्भाषित सूत्र । १४ वीरचरितकी आश्चर्यजनक घटनायें और उनकी सायन्सकी
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