Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 10
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 66
________________ पवित्रअसली लासली आजमूदा 20 वर्षका कर / सैकडों प्रशंसा पत्र प्राप्त व हाजमेकी प्रसिद्ध अक्सीर दवा नमकसुलेमान फायदा न करे तो दाम वापस. किसी मिलने का पता पाहतो धोका (एक दर्जन शरु चन्द्रसेन जैन वेद्य डमार्कदेव डांअलग. 10 इटावा. दद्वदमन-दादकी अक्सीर दवा / फी डिब्बी।) आना / दन्तकुसुमाकर-दतिोंकी रामबाण दवा / फी डिब्बी।) अ नोट-हमारे यहां सब रोगोंकी तत्काल गुण दिखानेवाली : तैयार रहती हैं। विशेष हाल जाननेको बडी सूची मंगा देखो। इस अंकके प्रकाशित होने की तारीख 2. dain Education interational

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