Book Title: Jain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Author(s): Uditprabhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 488
________________ पंचाशक प्रकरण : आचार्य हरिभद्र, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, 1997 पासनाह चरिअं : प्रफुल्लकुमार मोदी, प्राकृत ग्रंथ परिषद्, वाराणसी, 1965 पातंजल योगसूत्र (भोजवृत्ति) (सं.) रामशंकर भट्टाचार्य, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी 1969 पातंजल योगदर्शनम् : वाचस्पति मिश्र विरचित तत्त्वशारदी टीका, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, 1971 पातंजल योगदर्शनम् : उदयवीर शास्त्री, गोविन्दराम हासानन्द, दिल्ली प्रश्नव्याकरण सूत्र : (सं.) युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म.सा. मधुकर, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर प्रज्ञापनासूत्र : (सं.) युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी. म.सा. मधुकर, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर प्रमाणनय तत्त्वालोक : वादिदेवसूरि, जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड, पाथर्डी अहमदनगर 1972 प्रशमरति : उमास्वामी : परमश्रुत प्रभावक मण्डल, मुम्बई 1950 प्रेक्षा : एक परिचय : मुनि किशनलाल, जैन विश्व भारती, लाडनूं बृहद् द्रव्य संग्रह : ब्रह्मदेव विरचित टीका सहित, राजचन्द्र आश्रम अगास, वि.सं. 2022 बृहत्कल्पभाष्य : आचार्य भद्रबाहु स्वामी, आत्मानन्द सभा, भावनगर, 1936 ब्रह्मविज्ञान : स्वामी श्री योगेश्वरानन्द सरस्वती, योगनिकेतन ट्रस्ट, ऋषिकेश, 1974 बौद्धदर्शन मीमांसा : बलदेव उपाध्याय, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, 1954 भगवती आराधना : शिवार्यकृत, जैन संस्कृति संरक्षण संघ, सोलापुर भगवती सूत्र : (सं.) युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म.सा. 'मधुकर', आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर भागवत : क्षेमराज, कृष्णदास, वेंकटेश्वर प्रेस मुम्बई, 1882 भीतर की ओर : आचार्य महाप्रज्ञ, जैन विश्वभारती, लाडनूं (4) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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