Book Title: Jain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Author(s): Uditprabhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 486
________________ समिति, ब्यावर आवश्यक सूत्र भाग 2 हरिभद्र वृत्ति सहित : निर्णयसागर प्रेस, मुम्बई 1917 इष्टोपदेश : आचार्य पूज्यपाद (सं.) परमानन्द शास्त्री, वीरसेवा मंदिर दरियागंज, दिल्ली वि.सं. 2020 इसिभासियाई : प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर उत्तराध्ययन सूत्र : (सं.) युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म.सा. ‘मधुकर', आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर उपासकदशांग सूत्र : (सं.) युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म.सा. 'मधुकर', आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर औपपातिक सूत्र : (सं.) युवाचार्य श्री मिश्रीमल जी म.सा. 'मधुकर', आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर कर्मग्रन्थ (हिन्दी) श्री देवेन्द्रसूरि, टीका - श्री मिश्रीमल जी म.सा., मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति, जोधपुर 1974 कार्तिकेयानुप्रेक्षा : स्वामी कुमार विरचिता, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास गीता : गीताप्रेस, गोरखपुर गीता का ध्यानयोग : स्वामी रामसुखदास : गोविन्द भवन, गोरखपुर, वि. सं. 2041 • घेरण्ड संहिता : डॉ. चमनलाल गौतम, संस्कृति संस्थान, बरेली छान्दोग्योपनिषद् : गीता प्रेस, गोरखपुर वि.सं. 2023 जैनदर्शन मनन और मीमांसा - आचार्य महाप्रज्ञ : आदर्श साहित्य संघ, चूरू (राजस्थान) जैनधर्म : पं. कैलाशचन्द्र जैन शास्त्री, जैनसंघ चौरासी, मथुरा जैन योग ग्रन्थ चतुष्टय : (सं.) डॉ. छगनलाल शास्त्री, मुनिश्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन समिति, ब्यावर जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश : पं. जुगलकिशोर मुख्तार जैन योग परम्परा : मुनि राकेशकुमार : तुलसी अध्यात्मनीडम्, 1982 (2) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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