Book Title: Jain Dharma me Aradhana ka Swaroop
Author(s): Priyadivyanjanashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 537
________________ जैन धर्म में आराधना का स्वरूप / 499 मुनि काशी _ नाम लेखक का नाम समिति सं. समिति, ब्यावर स्थानांगसूत्र सं. श्री मधुकर श्री आगम प्रकाशन १९६२ मुनि समिति श्री समाधिशतक टीका ब्रह्मचारी शीतल जैन मित्र सूरत १६८७ प्रसाद सर्वार्थसिद्धिः पं. फूलचन्द्र भारतीय ज्ञानपीठ, १९५५ सिद्धान्तशास्त्री समाधिमरणोत्साहदीपक हीरालाल जैन वीर सेवा मन्दिर १९८२ सिद्धान्तशास्त्री ट्रस्ट, दिल्ली समयसार ज्यचन्द जिनवाणी प्रकाशन वि.सं. विभाग, श्री जैन २४६८ मंदिर सराय, रोहतक समाधिमरण डॉ. रज्जनकुमार पार्श्वनाथ विद्यापीठ २००१ सं. सागरमल जैन आई.टी.आई.रोड़, विजय कुमार करौदी, वाराणसी संवेगरंगशाला (हिन्दी) पन्यास श्री सरस्वती पुस्तक १६८५ पद्मविजय भण्डार हाथीखाना, वि.सं. रतनपोल, २०४१ अहमदाबाद श्रीसंवेगरंगशाला पण्डित बाबुभाई १२५० (मूलग्रन्थ) जिनचन्द्रसूरि, सं. सवचंद ६५५/अ वि.सं. मुनि हेमेन्द्रविजय मनसुखभाई पोल, २०२५ पं. बाबुभाई सवचंद कालुपुर अहमदाबाद-१ संवेगरंगशाला ग्रंथ श्री महावीर जैन श्वे. १६८७ (गुजराती) विजयभद्रंकरसूरिजी मूर्तिपूजक संघ २४४२ ओपेरा सो. पालडी, अहमदाबाद आगमोदय समिति ग्रन्थकार श्री आ. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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