Book Title: Jain Dharm aur Vividh Vivah
Author(s): Savyasachi
Publisher: Jain Bal Vidhva Sahayak Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 63
________________ जरूरी निवेदन। १-आजकल हिन्दी “जैनगज़ट” में जो श्रीयुत “सव्यसाची” के लेख (जो कि “जैन जगत में निकल चुका है ) के उत्तर में एक लेख क्रमशः निकल रहा है, उसका मुंह तोड़ जवाब श्रीयुत “ सव्यसाची" जी भी तय्यार करते जा रहे हैं । वह शीघ्र ही हिन्दी “जैन गजट” में पूर्ण छप चुकने पर "विधवा विवाह और जैन धर्म के दूसरे भाग के रूप - में प्रकाशित होगा। २-“उजले पोश बदमाश” की भूमिका में जो “ सेठ जी की काली करतूत” के लिये सूचित किया गया था, वह पुस्तक भी लिखी जा रही है, शीघ्र ही प्रकाशित होगी। निवेदक-मंत्री। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 61 62 63 64