Book Title: Jain Dharm aur Darshan
Author(s): Pramansagar
Publisher: Shiksha Bharti

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Page 287
________________ परिशिष्ट-1/277 164 मुक्त मोक्ष 148 बंध बंधन राग 47 82 पाश्वनाथ 39 पीडन 224 पुदगल 19,87 प्रोषधोपवास 237 प्रतिरुपक व्यवहार 226 पृथक-त्वविर्तक विचार 163 54, 109, 137 224 बलभद्र 27 बिरोधी हिंसा 217 बीसपंथ ब्रह्मचर्याणु व्रत 225 ब्रह्मचर्य 151 ब्रह्मचर्य प्रतिमा 238 ब्रह्मचर्य महाव्रत 244 बोधिदुर्लभ 153 भट्टारक 46 भाव संवर 148 भावास्तव 106 भाव निर्जरा 157 भेद ___90 भेद विज्ञान 19 भोक्ता भोगोपभोगपरिमाणवत 235 मन 79 मनः पर्ययज्ञान 72, 193 मति ज्ञान मत्याज्ञान 39 महावीर महाव्रत 150 मार्दव 107 मिथ्यात्व 107 मिथ्यादाष्ट 201 व्यवहार कल्प 98 78 व्युपरतक्रियानिवति। 20, 54, 169 व्युत्सर्ग 162 मोक्ष मार्ग 179 व्रत यथाकालनिर्जरा 158 व्रत प्रतिमा 23 यथाख्यात चारित्र 156 शब्द योग 105, 108 शब्दाचार 191 रत्नत्रय 179 शलाका पुरुष 26 रसपरित्याग तप 160 शास्त्र 183 119 शिक्षावत 234 रात्रि भुक्ति त्याग प्रतिमा 238 शुभ तेजस रहोभ्याख्यान 225 शुक्ल ध्यान 163 रुक्ष 90 शौच 150 रौद्र ध्यान श्रावक 223 लोक श्रुतज्ञान 71, 192 लोकाकाश श्वेताम्बर लोकमूढ़ता 187 सचित्तविरति वहिरात्मा 200 सत् 59 वातरसना सत्य 150 वात्सल्य 189 सत्याणुव्रत 225 विग्रहगति 82 सत्य महाव्रत विटत्व 225 सत्ता विनय सत्पभंगी 273 विपाकविचय 163 समय 98 विभंगज्ञान समिति 148 विविक्तशय्यासन 160 सम्यक ज्ञान 191 विलोप 226 सम्यक चारित्र 193 वैक्रियक शरीर 81 सम्यक दर्शन 179, 181 वैयावृत्य 162 सम्यक मिथ्यादृष्टि वंदना 247 सयोग केवली 207 वृत्तिपरिसंख्यान 160 सल्लेखना 253 व्यय 20, 54 साधु 241 42 238 29 243 137 161 72 72 202

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