Book Title: Jain Dharm aur Darshan
Author(s): Pramansagar
Publisher: Shiksha Bharti

View full book text
Previous | Next

Page 293
________________ महापुराण आ. जिनसेन भारतीय ज्ञानपीठ गीता प्रेस, गोरखपुर महा.पु. महाभारत मी.श्लो. वा. मु.उ. मू.चा. मो.मा.प्र. य. चम्मू यो.सार योगसार स्वो.वृ. मीमांसक श्लोक वार्तिक मुण्डक उपनिषद् मूलाचार मोक्षमार्ग प्रकाशक यशस्तिलक चम्पू आ. वट्टकेर पं. टोडरमल सोमदेव सूरि आ. अमितगति आ. हेमचंद्र योगसार गीता प्रेस, गोरखपुर भारतीय ज्ञानपीठ,दिल्ली मुसद्दीलाल चेरिटेबल ट्रस्ट, दिल्ली निर्णयसागर प्रेस, मुम्बई भारतीय ज्ञानपीठ आत्मानंद जैन पुस्ताकालय मंडल, आगरा मुनि संघ साहित्य प्रकाशन समिति, सागर 1968 1968 1922 योगसार स्वोपज्ञ वृत्ति र.क.श्रा. रत्न करण्डक श्रावकाचार आ. समंतभद्र 82. रयणसार ल.सा. ला.सं. वसु.श्रा. व.वि.सं. लब्धिसार लाटी संहिता वसुनंदि श्रावकाचार व्रत विधान संग्रह आ. कुंदकुंद आ. नेमिचंद्र सिद्धांत चक्रवर्ती कवि राजमल ___ आचार्य वसुनंदि पं.बारेलाल जैन (राजवैद्य) 1992 माणिकचंद जैन ग्रंथमाला, मुम्बई भारतीय ज्ञानपीठ वैद् बाबूलाल राजेन्द्र कुमार जैन, टीकमगढ़ जै. सं. संरक्षक संघ, सोलापुर जै.सं. संरक्षक संघ, सोलापुर भारतीय ज्ञानपीठ 1964 वि.त.प्र. ष.खं. प.समु. सं.प्र. विश्व तत्त्व प्रकाश षटखंडागम षड्दर्शन समुच्चय संबोध प्रकरण भावसेन वैविध्य आ. पुष्पदंत भूतबली आ. हरिभद्र सूरि आ. हरिभद्र सरि 1981 88. 89.

Loading...

Page Navigation
1 ... 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300