Book Title: Jain Dharm aur Darshan
Author(s): Pramansagar
Publisher: Shiksha Bharti

View full book text
Previous | Next

Page 292
________________ 52 पंच संग्रह प्राकृत अज्ञात भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली आचार्य कुंदकुंद पं.राजमल अनेकांत विद्वत परिषद्, सोनागिरि महावीर आश्रम,कारंजा मुक्ताबाई ज्ञानमंदिर, डभोई जीवराज ग्रंथमाला पंचसंग्रह स्वोपज्ञ वृत्ति पदनंदि पंचविंशतिका 1978 1938 1932 आ. पद्मनंदि पं.सं.प्रा. पंचम कर्म ग्रंथ पंचास्तिकाय पंचाध्यायी पं.सं. स्वो. पद्मनंदि पंचविंशतिका पद्मपुराण (जनेतर) पातञ्जल महाभाष्य पु.सि.उ. प्रतिक्रमण सूत्र प्र.मी. प्रवचनसोरोद्धार पुरुषार्थ सिद्धि उपाय आचार्य अमृतचंद्र प्रमाण मीमांसा 1939 आचार्य हेमचंद्र नेमिचंद्र सूरि सीधी ग्रंथमाला, कलकत्ता जीवनचंद खेबरचंद ज्वेहरी,मुम्बई निर्णय सागर प्रेस, मुम्बई 1941 प्रमेयकमलमार्तण्ड वा.अनु. भग.आ. म.आ.वि.टी. वारस अणुपेक्खा भगवती आराधना भगवती आराधना विजयोदया टीका भाव संग्रह प्रभाचंद्राचार्य आचार्य कुंदकुंद आ. शिवकोटि अपराजित सूरि जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर भा.सं. वामदेव सूरि माणिकचंद दिगम्बर जैन ग्रंथमाला मज्झिम निकाय मनुस्मृति महाबोधि सभा, सारनाथ रणधीर बुक सेल, हरिद्वार 70.

Loading...

Page Navigation
1 ... 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300