Book Title: Jain Darshan me Tanav aur Tanavmukti
Author(s): Trupti Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 332
________________ जैनधर्म दर्शन में तनाव और तनावमुक्ति व्यावर 12. | उपासकदशांग अनु, आत्मारामजी म.सा. 1964 जैनागम प्रकाशन समिति, लुधियाना 13. | औपपातिकसूत्र | सं. युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी 1986 | आगम प्रकाशन समिति, व्यावर . है | कल्पसूत्र सं. आनन्दसागरजी 1976 | आनन्दसागरजी, सैलाना | जैन विश्वभारती, लाडनूं | ठाणांगसूत्र मुनि नथमल (महाप्रज्ञ) वि.सं. 2033 16. | दशवैकालिकसूत्र | मुनि हस्तीमलजी म.सा. जैन कान्फरेन्स, मुबंई 17. | दसवेआलियं सं. आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्वभारती, लाडनूं , | 1964 जैन आगम प्रकाशन समिति, 1984 व्यावर | दशाश्रुतस्कंध | सं. आचार्य मधुकरमुनि 19. | प्रश्नव्याकरणसूत्र | सं. मुनि हस्तीमलजी हस्तीमल सुराणा, पाली "1995 | प्रश्नव्याकरण . . | सं. आचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्वभारती, लाडनूं 21. | प्रज्ञापनासूत्र | सं. आ अमोलखऋषिजी लाला ज्वालाप्रसाद, हैदराबाद . | बृहत्कल्पभाष्य | सं. पुण्यविजयजी आत्मानंद जैनसभा, भावनगर | 1933 | 23. | भगवतीसूत्र | सं. युवाचार्य श्री मधुकरमुनि 1993 | श्री आगम प्रकाशन समिति, व्यावर (राज.) जैन विश्वभारती, लाडनूं 24. | भगवई सं. आचार्य महाप्रज्ञ | 1994 25. | स्थानांगसूत्र टीका | अभयदेवसूरि की टीका सहित आगमोदय समिति, सूरत Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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