Book Title: Jain Darshan me Tanav aur Tanavmukti
Author(s): Trupti Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 338
________________ 336 जैनधर्म दर्शन में तनाव और तनावमुक्ति | 45. | श्रीमद् राजेन्द्रसूरिजी 1986 अभिधान राजेन्द्र कोष (भाग-1) श्री अभिधान राजेन्द्र कोश प्रकाशन संस्था, अहमदाबाद 46. . | श्री ललितप्रभसागर 2006 | चिंता, क्रोध और तनावमुक्ति | पुस्तक महल, दिल्ली के सरल उपाय आत्मज्ञान और विज्ञान सर्वसेवा समिति, वाराणसी । प्रथम संस्क. 47. | विनोबा भावे 48. | साध्वी विनीतप्रज्ञाजी उत्तराध्ययनसूत्र – दार्शनिक अनुशीलन एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उसका महत्त्व | श्री चन्द्रप्रभ महाराज जुना | 2002 जैन मंदिर ट्रस्ट 1992 49. | वीरसेन आचार्य, सं. फूलचंद्र | धवला सिद्धांतशास्त्री जैन संस्कृति संरक्षक | संघ, सोलापुर 50. | वामन शिवराम आप्टे | संस्कृत हिन्दी कोश | मोतीलाल बनारसीदास, वाराणसी | 51. | हेमचन्द्राचार्य योगशास्त्र प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर (राज.) 52. | हरिभद्रसूरिजी, सं. छगनलाल | जैन योग ग्रंथ शास्त्री मुनि श्री हजारीलाल स्मृति | 1982 प्रकाशन, पीपलिया बाजार, व्यावर 53. | हेमप्रज्ञाश्रीजी 1999 कषाय : एक तुलनात्मक अध्ययन | श्री विचक्षण प्रकाशन, इन्दौर 54. | डॉ. सागरमल जैन जैन, बौद्ध और गीता के प्राकृत भारती संस्थान, । 1982 आचार दर्शनों का तुलनात्मक | जयपुर (राज.) अध्ययन 55. | डॉ. सागरमल जैन अध्यात्म और विज्ञान | प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर | 2010 | 56. / डॉ. सागरमल जैन 1999 अनेकांतवाद, स्याद्वाद और सप्तभंगी : सिद्धांत और पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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