Book Title: Jain Darshan me Nischay aur Vyavahar Nay Ek Anushilan
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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सन्दर्भग्रन्थ-सूची १. अनगारधर्मामृत : पं० आशाधर, भारतीय ज्ञानपीठ। २. अमितगतिश्रावकाचार : आचार्य अमितगति, दिगम्बर जैन पुस्तकालय, सूरत,
वि० सं० २०१५। ३. अष्टशती ( आप्तमीमांसाभाष्य ) : भट्ट अकलङ्कदेव। ४. अष्टसहस्री : विद्यानन्द स्वामी, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, सन् १९१५। ५. अष्टपाहुड : आचार्य कुन्दकुन्द, शान्तिवीर नगर, महावीर जी ( राजस्थान )।
चारित्तपाहुड भावपाहुड मोक्खपाहुड सुत्तपाहुड संस्कृतटीका : श्रुतसागर सूरि
हिन्दी टीका : पं० जयचन्द, माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई। ६. अष्टाध्यायी : महर्षि पाणिनि, गुरुकुल विश्वविद्यालय, वृन्दावन ( मथुरा ),
वि० सं० १९९६। ७. आप्तमीमांसा : आचार्य समन्तभद्र, गणेश वर्णी दि० जैन संस्थान, नरिया,
वाराणसी। ८. आप्तपरीक्षा : विद्यानन्द स्वामी, भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत्परिषद्। ९. आलापपद्धति : देवसेनाचार्य, भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत्परिषद्। १०. उपादान-निमित्त की चिट्ठी : पं० बनारसीदास, मोक्षमार्गप्रकाशक-परिशिष्ट ४,
टोडरमल ग्रन्थमाला, जयपुर। ११. कर्मप्रकृति : अभयचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती, भारतीय ज्ञानपीठ। १२. कर्मसिद्धान्त : जिनेन्द्र वर्णी, प्रकाशक – मोतीचन्द्र केशरीचन्द्र, वाराणसी। १३. कसायपाहुडसुत्त : अनुवादक पं० हीरालाल जैन सिद्धान्तशास्त्री, वीरशासन
संघ, कलकत्ता।
जयधवलाटीका : वीरसेनस्वामी, आचार्य जिनसेन, दिगम्बर जैन संघ, मथुरा। १४. कार्तिकेयानुप्रेक्षा : स्वामिकुमार, श्रीमद्राजचन्द्र आश्रम, अगास।
संस्कृतटीका : भट्टारक शुभचन्द्र
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