Book Title: Jain Darshan me Nischay aur Vyavahar Nay Ek Anushilan
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 287
________________ सन्दर्भग्रन्थ-सूची / २५९ आत्मख्याति : आचार्य अमृतचन्द्र समयसारकलश : आचार्य अमृतचन्द्र तात्पर्यवृत्ति : आचार्य जयसेन हिन्दी टीका : पं० जयचन्द्र ५७. समाधितन्त्र : पूज्यपाद स्वामी, वीरसेवा मन्दिर, सरसावा, सहारनपुर। ५८. सर्वार्थसिद्धि : पूज्यपादस्वामी, भारतीय ज्ञानपीठ। ५९. 'सागर में विद्यासागर' स्मारिका : गणेश दि० जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर, म० प्र० ६०. सागारधर्मामृत : पं० आशाधर, भारतवर्षीय दि० जैन ग्रन्थमाला, मुम्बई, १९७२। ६१. स्याद्वादमञ्जरी : मल्लिषेण सूरि, राजचन्द्र आश्रम, अगास। ६२. स्वयम्भूस्तोत्र : आचार्य समन्तभद्र, गणेश वर्णी दि० जैन संस्थान, नरिया, वाराणसी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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