Book Title: Jain Darshan me Nischay aur Vyavahar Nay Ek Anushilan
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 289
________________ डॉ० रतनचन्द्र जैन जन्म २ जुलाई १९३५ को, मध्यप्रदेश के लुहारी ( सागर ) नामक ग्राम में । प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही । पश्चात् श्री गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर में संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी, अँग्रेजी तथा धर्मग्रन्थों का अध्ययन । अनन्तर स्वाध्याय के द्वारा मैट्रिक से लेकर एम० ए० (संस्कृत) तक की परीक्षाएँ उत्तीर्ण। प्रावीण्यसूची में बी०ए० में दसवाँ स्थान और एम०ए० में प्रथम । अध्यापनकार्य करते हुए विद्यालय से विश्वविद्यालय तक की यात्रा । अध्ययन, अध्यापन और लेखन में रुचि । अनेक शोध आलेख सम्मेलनों और संगोष्ठियों में पठित एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित । सम्प्रति भोपाल में स्थायी निवास, अध्ययन और लेखन में निरत । Personal Use Only 101 www.jainelibrary.org

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