Book Title: Jain Darshan me Nayvad
Author(s): Sukhnandan Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 292
________________ धवला (षट्खण्डागम की टीका), आचार्य वीरसेन, जैन साहित्योद्धारक फण्ड, अमरावती, 1939 धवला टीका, पु. 9, आचार्य वीरसेन, जैन साहित्योद्धारक फण्ड, अमरावती, धवला टीका, पु. 13, आचार्य वीरसेन, जैन साहित्योद्धारक फण्ड, अमरावती, न्यायकुमुदचन्द्र (द्वितीय भाग), आचार्य प्रभाचन्द्र, माणिकचन्द दि. जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, 1941 1949 1949 न्याय विनिश्चय विवरण भाग 1, श्री वादिराज सूरि, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1944 न्याय विनिश्चय विवरण भाग 2, श्री वादिराज सूरि, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1954 न्यायावतार, आचार्य सिद्धसेन, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, 1950 न्यायावतारवार्तिकवृत्ति, श्रीशान्ति सूरि, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, 1949 न्यायदीपिका, श्री अभिनवधर्मभूषणयति, वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, 1945 पंचाध्यायी, श्री पं. राजमल, गणेश प्रसाद वर्णी जैन, ग्रन्थमाला, बनारस, वी. नि. सं. 2476 प्रमाणमीमांसा, आ. हेमचन्द्र, श्री सुधर्मा मुद्रणालय, पाथर्डी (अहमदनगर) 1970 1942 प्रमेयकमलमार्तण्ड, आ. प्रभाचन्द्र, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, 1941 प्रमाण -नय-तत्त्वालोक, श्री वादिदेव सूरि, आत्म- -जागृति कार्यालय, व्यावर, प्रमेयरत्नमाला, आ. अनन्तवीर्य, चौखम्बा विद्या भवन, वाराणसी, 1964 परीक्षामुख, आ. माणिक्यनन्दी, पं. घनश्यामदास, स्याद्वाद महाविद्यालय, काशी, वि. सं. 1972 पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, आ. अमृतचन्द्र, दि. जैन मन्दिर, रोहतक 1940 महाभाष्य, महर्षि पातंजल, जगद्धितेच्छु मुद्रणालय, पूना, वि. सं. 1944 मीमांसाश्लोकवार्तिक, कुमारिल भट्ट, चौखम्बा सीरिज, काशी युक्त्यनुशासन, आ. समन्तभद्र, वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, 1951 लघीयस्त्रयम्, आ. अकलंकदेव, सिंधी जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद 1939 290 :: जैनदर्शन में नयवाद Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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