Book Title: Jain Darshan me Nayvad
Author(s): Sukhnandan Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 294
________________ तिलोयपण्णत्ती भाग 1, आ. यतिवृषभ, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, 1943 द्रव्यसंग्रह, आ. नेमिचन्द्र, दि. जैन प्रज्ञा पुस्तकमाला, लुहर्रा (झांसी), 2465 नयचक्र, श्री माइल्लधवल, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1971 नियमसार, आ. कुन्दकुन्द, दि. जैन पारमार्थिक ट्रस्ट, बम्बई, 1960 पंचास्तिकाय, आचार्य कुन्दकुन्द, दि. जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़, 1959 प्रवचनसार, आचार्य कुन्दकुन्द पाटनी दि. जैन ग्रन्थमाला, मारोठ, 1950 समयसार, आचार्य कुन्दकुन्द पाटनी दि. जैन ग्रन्थमाला, मारोठ, 1953 सन्मतिप्रकरण, आचार्य सिद्धसेन, ज्ञानोदय ट्रस्ट, अहमदाबाद, 1963 (ग) हिन्दी चिद्विलास, पं. दीपचन्द्र काशलीवाल, सेठी दि. जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, जैन - सिद्धान्त-दर्पण, पं. गोपालदास जी बरैया, मुनि श्री अनन्तकीर्ति दि. जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई, 1928 जैनदर्शन और विज्ञान, प्रो. जी. आर. जैन, वीर भवन, मेरठ, 1971 नयदर्पण, श्री जिनेन्द्र वर्णी, दि. जैन पारमार्थिक संस्थाएं, इन्दौर, 1965 प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ, प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ समिति, टीकमगढ़, 1946 जैन दर्शन के मौलिक तत्त्व, मुनि नथमल, मोतीलाल बेगानी चेरिटेबल ट्रस्ट, कलकता जैनधर्म, सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्द्र जैन, भा. दि. जैन संघ चौरासी, मथुरा, 2475 भारतीय दर्शन ( हिन्दी अनुवाद) भाग 1., डॉ. राधाकृष्णन, राजपाल एण्ड संस, दिल्ली, 1969 भारतीय दर्शन, श्री बलदेव उपाध्याय, शारदा मन्दिर प्रकाशन, काशी, 1971 जैन दर्शन और आधुनिक विज्ञान, मुनिश्री नगराज जी, आत्मा राम एण्ड संस, देहली शब्दकल्पद्रुम, श्री राधाकान्त देव, चौखम्बा संस्कृत सीरीज़, वाराणसी 292 :: जैनदर्शन में नयवाद Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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