Book Title: Jain Darshan Me Tattva Aur Gyan
Author(s): Sagarmal Jain, Ambikadutt Sharma, Pradipkumar Khare
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 713
________________ 38. Aspect of jainology, VOL, I, PVRI, 1991 39. Aspect of jainology, VOL, I, PVRI, 1993 40. Aspect of jainology, VOL, I, PVRI, 1987 41. Samana Suttam, Sarva Seva Prakashan, Varanasi, 1993 42. Ishibhasiyayim, PVRI, Varansai & Prakrit Bharti, Jaipur 43. उपासकदशा में वर्णित श्रावकाचार, आ.अ.स.प्रा. संस्थान, उदयपुर, 1987 44. जैनधर्म के सम्प्रदाय, आ.अ.स.प्रा. संस्थान, उदयपुर 1994 45. नेमिदूत, पा.वि. वाराणसी, 1994 46. महावीर निर्वाण भूमि पावा, पा.वि. वाराणसी, 1992 47. हरिभद्र के साहित्य में समाज एवं संस्कृति, पा.वि. वाराणसी, 1994 48. गाथा सप्तशती, पा.वि. वाराणसी, 1995 49. शृंगारवैराग्य तरंगीणि, पा.वि. वाराणसी, 1995 50. मातृकापद शृंगार कलित गाथाकोश, पा.वि. वाराणसी, 1995 51. आचारांग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन, पा.वि. वाराणसी, 1983 52. जैन नीतिशास्त्र, पा.वि. वाराणसी 53. नलविलास नाटक, पा.वि. वाराणसी 54. कौमुदी मित्रानन्द (नाटक), पा.वि. वाराणसी 55. अनेकांतवाद एवं पाश्चात्य व्यवहारिकतावाद, पा.वि. वाराणसी, 1997 56. बौद्ध प्रमाण मीमांसा की जैनदृष्टि से समीक्षा, पा.वि. वाराणसी, 1995 57. भारतीय जीवन मूल्य, पा.वि. वाराणसी, 1997 58. जैन महापुराण : एक कलापरक अध्ययन, पा.वि. वाराणसी, 1997 59. शीलदूतं, पा.वि. वाराणसी, 1997 60. वसुदेवहिण्डी : एक अध्ययन, पा.वि. वाराणसी, 1997 61. जैनदर्शन में निश्चय और व्यवहारनय : एक समीक्षात्मक अध्ययन, पा.वि. वाराणसी, 1997 62. पंचाशक प्रकरण- हिन्दी अनुवाद, पा.वि. वाराणसी, 1997 63. De Chargeotte Krause-Her life and work, पा.वि. वाराणसी, 1997 64. Multi-dimentional Application of Anekant Vada, पा.वि. वाराणसी, 1997 65. Pearls of Jain Wisdom, पा.वि. वाराणसी, 1996 66. सिद्धसेन दिवाकर : व्यक्तित्व एवं कृतित्व, पा.वि. वाराणसी, 1995 67. कषाय- साध्वी हेमप्रज्ञाश्री, इन्दौर 700 जैन दर्शन में तत्त्व और ज्ञान

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