Book Title: Jain Darshan Ke Pariprekshya Me Aadipuran Author(s): Supriya Sadhvi Publisher: Bharatiya Vidya Prakashan View full book textPage 8
________________ शुभकामना । मुझे सुनकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि साध्वी डॉ. श्री सुप्रिया जी म. का शोध-प्रबन्ध प्रकाशित होने जा रहा है। साध्वी डॉ. सुप्रिया जी ने “जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में आदिपुरण-एक समीक्षात्मक अध्ययन" शीर्षक के अन्तर्गत जो शोध-प्रबन्ध लिखा है-जैन दर्शन के आधार पर लिखे गए प्रमाणिक ग्रन्थों की परिगणना में यह महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगा। परम विदूषी साध्वी सुप्रियाजी के अथाह परिश्रम और लग्न का यह सुपरिणाम है। साध्वी जी म. के परिश्रम द्वारा प्राप्त नवनीत से अन्य भी लाभान्वित होंगे। ऐसी मेरी आशा है। जिन शासन में प्रतिपादित सम्यग्ज्ञान, सम्यग्दर्शन, सम्यग्चारित्र और सम्यक तप के द्वारा अपने जीवन के साथ अन्य का मार्ग-दर्शन करते हुए जिन मार्ग की प्रभावना करें। साध्वी जी निरन्तर जैन-जैनेत्तर ग्रन्थों का गहन चिन्तन मनन व स्वाध्याय करती रहें। ऐसी मेरी मंगल भावना शुभकामना है। - जितेन्द्र मुनिPage Navigation
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