Book Title: Jain Center Los Angeles CA 2008 09 Pratishta Souvenior
Author(s): Jain Center So CA Los Angeles
Publisher: USA Jain Center Southern California
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चत्वारि परमंमाजि, एल्लराणी जताणों "माणुसन्तं सुई सध्या, संजमम्मिशयारिया
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मा संसारमा प्राहामात्र भा2 मा सार मा प्राप्स पर उत्तरोत्तर हर्सल मेम सामहा लाबान मरकार ध पोलाजालिम हेशना मां इरमा छ "मनुध्यत्व, सधर्मनु अवल,श्रध्धा, सपना पूरा इम,
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लव्य माध्यात्मिा अनेसास्मृति डेल्हन प्राप्त अशा सो " बापालामा मालमा दमाता उर नागपारालडामना.
सुशामाटोम, निराशलाई, भोलि माग डीडी, नरम, मानव बने अक्षय
सत्त्वेषु मैत्री गुणिषु प्रमोद, क्लिष्टेषु जीवेषु कृपापरत्वम् । मध्यस्थभावं विपरीत वृत्ती, सदा ममात्मा विदधातु देव ॥२॥
Misal Miraj Nico
Mibhali Milan Bhalala
Meghvi Carlos Maheta Roig
Hirav H. Gandhi