Book Title: Jain Balpothi
Author(s): Harilal Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 36
________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates ( २१० इतना करना ) REE HAINISTEN THEIGH मनट FFE Mahe APTAIN http://www.jainism.free-online.co.uke बालकों ! सवेरे जल्दी उठना । उठकर आत्मा का विचार करना । प्रभुका स्मरण करना और नमस्कार मंत्र बोलना । फिर स्वच्छ वस्त्र पहिनकर जिनमंदिर जाना । जिनमंदिर जाकर भगवान के दर्शन करना । इसके बाद शास्त्रजी को वंदन करना , और उनका पठन करना । फिर गुरुजी के दर्शन करना , उनका उपदेश सुनना, और सुनकर विचार करना । हर रोज इतना करना । ऐसा करने से तुम्हारा जीवन पवित्र होगा । . . .. . . .. ...rrrrrrrrrr. . . . . .. . .. . Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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