Book Title: Jagducharitam Mahakavyam
Author(s): Sarvanandsuri, Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 158
________________ श्रीजगडूचरितं महाकाव्यम् ३७, ५० वियद्दु ३७ ६,५५ ४०, ४१, ५१ १३६ विमलाचल [पर्वत] [श्रीमालीवणिक] वीरजिन [परमात्मा] वीरदेव [वासपुत्र] वीरधवल [अवनिपालक] वीरनाथ [ परमात्मा] वीरसूरि [आचार्य] वीसल [वासपुत्र] वीसलक्षितिपति। वीसलदेव । [नृप] शङ्केश्वरजिन शद्धेशपार्श्व शङ्केश्वरपार्श्व | [परमात्मा ] शतवाटी [पुर] शत्रुञ्जय [गिरि] शान्तिनाथ [परमात्मा] श्री [सोलपत्नी] श्रीमाल [वंश-कुल] श्रीषेण [परमदेवशिष्य] श्रीषेणसूरि सिन्धुमहीश सिन्धुभूप [नृप] सुलक्षण [पुर] सुलक्षण [वीसलपुत्र] सुस्थित [देव] सोमेश्वर [कवीश्वर] सोल [वीसलपुत्र] ३२, ३८ ३७ ८,१४ ४, १६, ४१, ४६ ३८,५२, ५३, ५५ ३१, ४७ ५४ ३७ ७,८ १८, १९, ३८ ४१ ७,८,९,१७, २१,४६ Jain Education International 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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