Book Title: Hirsundaramahakavyam Part 2 Author(s): Devvimal Gani, Ratnakirtivijay Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti View full book textPage 2
________________ जगद्गुरु-हीर-स्वर्गारोहण-चतुःशताब्दी ग्रन्थमाला-५ अर्हम् ॥ पण्डितश्रीदेवविमलगणिविरचितं श्री हीरसुन्दरमहाकाव्यम् सटिप्पणीकं 'हीरसौभाग्य' उपरि-लघुवृत्तिसमेतम् ॥ (द्वितीयो भागः) संपादकः श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिकृतमार्गदर्शनानुसारेण मुनिरत्नकीर्तिविजयः प्रकाशक: श्री जैन ग्रन्थप्रकाशन समिति खम्भात ई. २००५ सं. २०६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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