Book Title: Hindi Gujarati Kosh
Author(s): Maganbhai Prabhudas Desai
Publisher: Gujarat Vidyapith

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ९ कोनो विस्तार नाइक वघे नहि तेटला माटे, शब्दो लेवामां ए धोरण राख्युं छे के, जे शब्दो समान रूपे ने समान अर्थमां गुजरातीमां पण चालता होय, तेमने आ कोशमां आप जरूर नथी. ए नियमथी, मोटा भागना संस्कृत शब्दो, 'पूछना, मीचना, आदमी, खरीदना, खबरदारी, वगेरे जेवा शब्दो भा कोशमां नयी संघर्या, संघरवा जरूरना पण नथी. परंतु, जे शब्दोनी जोडणीमां के भर्थमां लिंगमा फरक होय तेवा लीधा छे. जेम के 'भात्मा, असर 'मां गुजराती हिंदुस्तानीमा लिंगफेर छे; ' पहोंच, पहुँचना " महसूल, महसूल 'मां जोडणीफेर छे; 'सगीर' 'संकीर्ण' वगेरे जेवा अनेक शब्दोमा भर्थभेद छे. लिंगफेरने अंगे एक वस्तु नोंघवी जोईए : हिंदीमां नपुंसक लिंग नथी. एटले जे शब्दो गुजरातीमां नपुंसक लिंगना छे अने हिंदुस्तानीमां पुंलिंग छे तेनने छोडी दीघा छे. ए लिंगफेरवाळा शब्दो लीधा नथी. , शब्दोना अनो विस्तार करवामां पण, गुजरातने केवा कोशनी आजे जरूर छे ते ख्यालमा राखीने चालवाथी, आपोआप केटलुक लाघव साधी शकायुं छे. तुलसी, कबीर, सुरदास जेवा भक्त कविओ जे आपणे त्यां लोकप्रिय छे तेमना शब्दोने जो घटतुं स्थान आपवामां आवे तो कोशनी उपयोगिता सहेजे वधी जाय. ए ख्यालथी कविना शब्दाने स्थान आपवामां आव्युं छे. पण तेनो अर्थ एम नथी के, तेमना अभ्यासीने ते कविओनां लखाणोना बधा ज शब्दो आ कोशमांथी मळशे उपर जणान्युं एम, आ शब्दसंग्रहनी पसंदगी करवामां गुजरातनी तात्कालिक जरूरने मुख्यत्वे नजर सामे राखवामां आवी छे भने तेथी ज ते संग्रह आवडो नानो ने माफक किमतनो करी शकायो छे. राष्ट्रभाषाप्रचारने माटे वाती परीक्षाओोमां तथा गुजरात विनय मंदिरनी सात श्रेणीभोमां चालतां पाठयपुस्तकोना शब्दो आ कोशमां आवी जाय ते हेतुथी ते पुस्तको जोई जवामा आन्यां छे. ते उपरांत पण केटलंक सामान्य वंचातुं साहित्य जोवामां आव्युं छे. बाकी, शब्दपसंदगी माटे, मुख्यत्वे, उपलब्ध कोशोमांथी सीधी विणामणी करवामां भावी छे भने तेम करवाने माटे 'हिंदी शब्दसागर 'नी नानी, मोटी ने मध्यम ए त्रण आवृत्तिभो, काशी विद्यापीठनो 'हिंदी शब्दसंग्रह', रेवरंड बेट कृत हिंदीभाषानो ( अंग्रेजी) शब्दकोश, श्री. रामचंद्र वर्मा कृत · 'उर्दू - हिंदी शब्दकोश', इंडियन प्रेसनी • Hindustani English Dictionary', पं. रामनरेश त्रिपाठी कृत 'हिंदुस्तानी कोश' तथा बीजा केटलाक कोशोनो उपयोग करवामां भाव्यो छे. ते सर्व ग्रंथोना विद्वान संपादकोनो आ स्थळे हुं आभार मानुं छं. हिंदी शब्दोना गुजराती भर्थों आपवामां एक ए ख्याल पण राख्यो छे के, मूळ हिंदी शब्दने मळतो जो गुजराती शब्द होय, भने ते अर्थमां, तो तेने नोंधवो भाथी करीने तुलनात्मक भाषाभ्यासीओने थोडी घणी सामग्री भ कोशमांथी मळशे एम मानुं छं. केटलाक तद्भव शब्दो जे बेउ भाषामा समान रूपे ने समान अर्थमा छे ने जे, हुं उपर कही आव्यो एम, आ कोशमां नथी संघर्या, ते अलग वीणी काढया होय तो सारु, एम एक संमान्य मुरब्बीनी सूचना हती. ए रसिक काम तो हवे आाथी अलग रूपे कथोरेक करवा उपर छोट जोईए. अत्यारे तो, कोशनो उपयोग करनारने तेना विना कशी भडचण नथी पडवानी एटलं समाधान छे. For Private and Personal Use Only

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