Book Title: Gunvarma Charitra
Author(s):
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * श्रुत्वा मुदार्चनविधिप्रमुखप्रकारान्, पंचात्र तत्फलविलासविचारसारान् / / गुण तानादितः स्तुत च सप्तदशापि पुण्यमाणिक्यसुंदररुचिं भविका भजध्वम् // 602 // / 159 // इति श्री अंचलगच्छेश श्री माणिक्यमूरिविरचिते पूजाधिकारे गुणवर्मचरित्रे साक्षताष्टमांगलिकपूजाफल वर्णनो नाम पंचमः सर्गः // // अथ प्रशस्तिः // एवं स्नात्रविलेपनां शुकयुगाभ्यारोपवासार्चनापुष्पसगवरवर्णसिंचनचयालंकारपुष्पालयाः॥ सत्पुष्पप्रकराऽक्षतार्चनमथो धूपंच गीतं तथा, वाद्यं नाट्यमहोजयंतु जगतां नाथस्य पूजाइमाः। स्था व्यरचयच्च गुरूपदेशान्माणिक्यसुंदरगुरुर्जगतां हिताय // यंतु मुनयः परिभावयंतु, तद्वज्जिनार्चनविधीनुपदेशयंतु // 2 // For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 172 173 174 175 176