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२. समाधि के लिये ॐ ह्रीं अर्हं श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः ३. धैर्य के लिए ॐ ह्रीं अर्ह श्री महावीर स्वामिने नमः
विस्तार से जानने के लिये आचार्य देव श्री रश्मिरत्नसूरीश्वरजी म. सा. लिखित अतिप्रसिद्ध "गुडनाईट” पुस्तक मंगवाकर आज ही पढ़िये ।
जिनाज्ञा विरूद्ध लिखा हो तो मिच्छामि दुक्कड़म
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