Book Title: Gommateshwar Bahubali
Author(s): Akhil Bansal
Publisher: Bahubali Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 19
________________ मेरी विजय नहीं, चक्रवर्ती भरत, की विजय । यही पूर्ण पराक्रमी,योद्धा) पृथ्वीपति है। भरत अपनी हारका अपमान मैं अपने चक्ररत्न नहीं सह पा रहे थे। का आह्वान करताहूं।। (अभी नहीं । हमारा युद्ध बाहुबली समाप्त हो गया।

Loading...

Page Navigation
1 ... 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33